नागपुर न्यूज डेस्क: नांदेड़ जिले के मांडवा गांव के 21 वर्षीय ओंकार अशोक अकुलवार की सड़क दुर्घटना में गंभीर चोट लगने के बाद नागपुर मेडिकल के ट्रॉमा सेंटर में इलाज चला, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। परिवार ने इस दुखद घड़ी में एक बड़ा फैसला लेते हुए उनके अंगदान का निर्णय लिया, जिससे कई लोगों को नया जीवन मिल सका। ओंकार 22 फरवरी की रात बाइक से घर लौटते समय सड़क पर अचानक आए जानवर से टकरा गए थे, जिससे उनके सिर में गंभीर चोट आई थी।
डॉक्टरों की एक विशेषज्ञ टीम ने जब ब्रेन डेड की पुष्टि की, तो मेडिकल के समन्वयक दल ने परिजनों को अंगदान की महत्ता समझाई। पिता अशोक अकुलवार की सहमति के बाद ZTCC को सूचना दी गई और अंगदान की प्रक्रिया शुरू हुई। ओंकार का लिवर वॉकहार्ट अस्पताल में 61 वर्षीय महिला को, एक किडनी मेडिकल की 38 वर्षीय महिला को और दूसरी किडनी वॉकहार्ट के 53 वर्षीय व्यक्ति को प्रत्यारोपित की गई। उनके नेत्रदान से भी जरूरतमंदों को रोशनी मिली।
इस पुनीत कार्य में ZTCC अध्यक्ष डॉ. संजय कोलटे और उनकी टीम की अहम भूमिका रही। मेडिकल कॉलेज की ओर से ओंकार को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और ZTCC ने उनके पार्थिव शरीर को उनके गांव भेजने की व्यवस्था की। यह अंगदान न सिर्फ जरूरतमंद मरीजों के लिए जीवनदान बना, बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश कर गया।